कन्या राशि

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कन्या राशि – टो पा पी पू ष ण ठ पे पो स्वामी – बुध
यह वर्ष आपके लिये कार्यक्षेत्र, मान-सम्मान, फाइनेंस आदि क्षेत्रों में काफी अच्छा रहने के आसार हैं। वर्ष की शुरुआत में राशि स्वामी बुध आपकी राशि से चौथे स्थान में गुरु, केतु, सूर्य, और शनि के साथ विचरण कर रहे हैं। सूर्य के साथ बैठने से बुधादित्य योग भी बन रहा है जो कि आपके लिये सफलता के योग बना रहे हैं। कर्म के धनी तो आप इस वर्ष रहेंगें ही कन्या वर्ष कुंडली 2020 आपको भाग्य से भी बलवान बना रही है। इसका तात्पर्य यह है कि इस वर्ष जितनी अधिक मेहनत आप करेंगें उतना ही किस्मत भी आपका साथ देगी जिससे आपको अपने जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में शुभ फल प्राप्त होंगे। वार्षिक राशिफल 2020 आपके लिये इस मायने भी खास है कि एक तो इस वर्ष का आरंभ बुधवार के दिन हो रहा है दूसरा वर्ष आरंभ के समय वर्ष 2020 की लग्न कुंडली भी कन्या राशि की बन रही है। इस लिहाज से बुध जो कि आपकी राशि के स्वामी भी हैं वही इस वर्ष के राजा भी रहेंगें जिससे इस वर्ष आप स्वयं को बहुत सौभाग्यशाली समझ सकते हैं।

आपके लिये कर्मक्षेत्र के मालिक भी बुध हैं और बुध कर्मभाव को सप्तम दृष्टि से देख भी रहे हैं। बुध का बृहस्पति के साथ होना यह दर्शाता है कि इस वर्ष करियर में आपको अच्छी सफलताएं मिल सकती हैं। नई-नई योजनाएं आपके जहन में आ सकती हैं। बुध व गुरु के साथ ही सूर्य भी जो कि आपके आत्मबल को भी मजबूत रहेगा। जिससे भविष्य में आपको वर्ष भर इसका लाभ मिलता रहेगा। भाग्य के स्वामी शुक्र भी आपके भाग्य को मजबूत कर रहे हैं। तथा पंचम स्थान का स्वामी शनि केंद्र में विराजमान है जो कि आपकी शिक्षा व संतान के लिये शुभ रहने वाला है।

बृहस्पति का केंद्र में स्वराशिगत होना आपके लिये हंस महायोग बना रहा है जिसे बहुत सौभाग्यशाली माना जाता है। इस योग के होने से इस वर्ष आपको अपने सुख स्थान से, गृह स्थान से, माता के स्थान से अच्छा सुख प्राप्त होगा। जो जातक लंबे समय से घर खरीदने का विचार बना रहे हैं उनके प्रयास इस वर्ष सिरे चढ़ सकते हैं उनका अपने घर का सपना पूरा हो सकता है। बृहस्पति आपके लिये सप्तम भाव के स्वामी भी हैं जो इंगित करता है कि घरेलू लाइफ में भी आपको अपने लाइफ पार्टनर से अविवाहित जातकों को रिलेशनशिप में अपने पार्टनर से काफी अच्छा सहयोग, अच्छा समर्थन मिलेगा। अविवाहित जातिकाओं के लिये विवाह के योग भी बन रहे हैं। अच्छा जीवन साथी आपको इस समय मिल सकता है।

राहु का कर्मक्षेत्र में होना थोड़ा बहुत काम के मामले में अड़चनें भी लेकर आ सकता है। लेकिन अंतत: आपके लिये कार्यक्षेत्र में उन्नति के योग बन सकते हैं। पराक्रम के स्वामी मंगल पराक्रम में विद्यमान हैं। पराक्रम में वृद्धि के योग बन रहे हैं। छोटे भाई-बहनों को भी आप अपना प्यार दे पाएंगें। देश भर के जाने-माने ज्योतिषाचार्यों से भी आप इस बारे में परामर्श ले सकते हैं।

24 जनवरी को शनि का परिवर्तन होगा, जिसके पश्चात आपको कोई शुभ समाचार मिल सकता है। दरअसल इसी समय पिछले ढ़ाई साल से आप पर चल रही शनि की ढ़ैय्या भी समाप्त हो जाएगी। आपकी राशि से पंचम स्थान में शनि के आने पर मान-सम्मान बढ़ेगा, उच्च शिक्षा प्राप्त कर सकते हैं, कानून की पढ़ाई करना चाहते हैं तो सफलता मिलेगी, शोध कार्यों की ओर भी आप अग्रसर हो सकते हैं।

30 मार्च को गुरु मकर राशि में प्रवेश कर रहे हैं जहां पर पहले से ही मकर के स्वामी शनि अपनी ही राशि में विद्यमान हैं। गुरु और शनि की युति से नीचभंग राजयोग बना रहे हैं जिसके होने से शिक्षा व संतान प्राप्ति के योग भी आपके लिये बनने शुरु होंगे। साथ ही गुरु की सप्तम दृष्टि अपनी उच्च राशि पर पड़ना तथा नवम दृष्टि आपकी राशि पर पड़ना आपको अच्छी एनर्जी देगा साथ ही स्वास्थ्य भी आपका अनुकूल रहेगा।

11 मई को शनि वक्री हो जाएंगे जिसके पश्चात जो दंपति बेबी प्लान कर रहे हैं उन्हें ध्यान रखने की आवश्यकता रहेगी। विद्यार्थियों को इस समय अपनी पढ़ाई पर ध्यान देने की आवश्यकता रहेगी। जो प्रोफेशनल्स अपने फिल्ड में दक्ष तो हैं लेकिन किसी प्रकार की शैक्षणिक डिग्री उनके पास नहीं है तो वे भी संबंधित प्रोफेशनल कोर्स में औपचारिक शिक्षा शुरु कर सकते हैं। जब तक शनि वक्री रहेंगें।

वक्र शनि का प्रभाव आपके दांपत्य जीवन पर इस समय थोड़ा नेगेटिव रह सकता है क्योंकि यहां शनि अपनी तीसरी दृष्टि से देख रहे होंगे। जीवन साथी की हेल्थ को लेकर भी आप थोड़ा इस समय टेंस रह सकते हैं।

14 मई को गुरु भी वक्री हो जाएंगें वैसे तो गुरु का वक्र होना शुभ माना गया है लेकिन इस समय पर गुरु का प्रभाव पूरी कुंडली में फैल जाता है जिससे वह फल तो अच्छे देता है लेकिन थोड़े समय के लिये देता है।

30 जून को गुरु धनु राशि में चले जाएंगें। घर परिवार को लेकर जो चीजें अधूरी रह गई थी वह इस समय पूरी हो सकती हैं। यही वो समय है जब आप प्रोपर्टी संबंधी कोई डील फाइनल कर सकते हैं।

13 सितबंर को गुरु के मार्गी होते ही आपकी लाइफ की गाड़ी जो ट्रैक से उतरती हुई नज़र आ रही थी एक बार फिर से वह ट्रैक पर आ जाएगी।

23 सितंबर को राहु-केतु का परिवर्तन हो जाएगा। जहां वे कर्मभाव से आपके भाग्य स्थान में आएंगें। भाग्य स्थान का राहु व्यक्ति को धार्मिकता से विमुख करता और धैर्य में कमी भी लेकर आता है। इस समय आपको थोड़ा संभल कर रहने की आवश्यकता रहेगी। विवेक से काम लें। भावावेश में आकर कोई भी निर्णय न लें। जल्दबाजी तो बिल्कुल भी न करें। यदि आप ऐसा करने में सफल रहे तो भाग्य स्थान में राहु आपके लिये कार्योन्नति के योग भी बना रहे हैं।

वहीं केतु का परिवर्तन आपकी राशि से तीसरे स्थान में हो रहा है जो कि पराक्रम का स्थान माना जाता है। इस समय में आपको अपने छोटे भाई-बहनों के साथ मतभेदों से बचना होगा। यात्रा के दौरान भी थोड़ा सावधानी रखें। कुल मिलाकर इस समय आपको सतर्क बने रहने की आवश्यकता रहेगी अन्यथा सावधानी हटी दुर्घटना घटी वाली कहावत आपके लिये सार्थक हो सकती है। आपके पराक्रम में वृद्धि वाला समय भी रहेगा। क्योंकि केतु को अक्सर मंगल जैसा ही फलदायी माना जाता है और केतु मंगल की ही राशि में होंगे। छोटी-छोटी यात्राओं के योग भी आपके लिये बनेंगें। कामकाज संबंधी यात्राओं के सफल रहने की उम्मीद कर सकते हैं।

29 सितंबर को जैसे ही शनि मार्गी होंगे आपको भी राहत मिलनी शुरु हो जाएगी। जो भी कार्य बिगड़ रहे थे वे फिर से पटरी पर लौट आएंगें।

20 नवंबर को गुरु पुन: मकर राशि में आएगें। जिसके पश्चात आपके लिये यह कई तरह से लाभकारी रह सकते हैं। आपके लिये संकेत कर रहा है कि इस साल आप काफी कुछ हासिल करने वाले हैं।

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