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राशि के स्वामी शनि इस वर्ष पत्रिका में लाभ के स्थान में विराजमान हैं जो कि आपके स्वास्थ्य के लिये अनुकूल वर्ष रहने के संकेत कर रहे हैं। भाग्य के स्वामी शुक्र आपकी राशि से 12वें स्थान में विराजमान है और देखा गया है कि 12वें स्थान में शुक्र के होने से आपका धन से जुड़ा हुआ कोई भी कार्य धन के न होते हुए भी, कहीं न कहीं से आपके कार्य को पूरा करने में सहयोग करेगा। कर्मक्षेत्र का स्वामी इस वर्ष पत्रिका में स्वराशि का विराजमान है जो कि आपकी राशि के लिये रूचक महायोग बना रहे हैं। इसका लाभ आपको कार्यक्षेत्र में शुभता को बढ़ाने, तरक्की, नई जॉब के रूप में मिलेगा साथ ही यह नए बिजनेस के लिए भी योग बना रहा है। मान-सम्मान वृद्धि के कारक ग्रह बुध हैं जो कि आपके लिये संतान भाव के मालिक भी हैं और शिक्षा के भी और ये लाभ के स्थान पर सूर्य के साथ बुधादित्य योग बना रहे हैं। जिसका लाभ आपको इनमें अत्यधिक मिलेगा। लाभ के स्थान पर ही पंचग्रही योग का होना आपके लिये बहुत ही फायदेमंद है क्योंकि यह योग आपके लिए पूर्ण राजयोग की तरह काम कर रहा है।
24 जनवरी को शनि आपकी राशि से 12वें स्थान में आ जाएंगे। जिससे आप पर शनि की साढ़ेसाती शुरु हो जाएगी तथा इस वर्ष शनि आपकी राशि से 12वें स्थान पर विराजमान हो जाएंगें। जो कि आपके धन खर्चों में बढ़ोतरी होने के संकेत दे रहे हैं। शारीरिक कष्ट भी बढ़ सकते हैं स्वास्थ्य का ध्यान रखें, कमजोरी महसूस हो सकती है। सिरदर्द, गला दर्द आदि से परेशान रह सकते हैं।
30 मार्च को गुरु आपकी राशि से 12वें स्थान में आ जाएंगें। जिससे आपको जन्मस्थान से दूर जाने का अवसर प्राप्त हो सकता है। हालांकि कई मायनों में बृहस्पति यहां पर आपके लिये सफलतादायक रहेंगें। लेकिन गुरू आपकी राशि से 12वें स्थान में हैं जिससे कभी-कभी गलत निर्णय लेने व अत्यधिक विश्वास करने पर ये हानि भी करवा देते हैं। इस समय कहीं भी किसी भी चीज में निवेश करने से थोड़ा बचने का प्रयास करें। इसके साथ ही इस समय गुरु की पंचम दृष्टि आपके सुख स्थान पर पड़ रहा है। अगर आप कोई प्रोपर्टी बेचना चाहते हैं तो उसमें आपको काफी अच्छा मुनाफा हो सकता है।
कुंडली में 11 मई को शनि वक्र हो जाएंगें। जिसके पश्चात आपकी परेशानियों में और अधिक इजाफा हो सकता है। हालांकि शनि स्वराशिगत हैं, जिससे परेशानियों से निकलने का रास्ता भी शनि ही स्वयं सुझाएगें। ऐसे में आपके लिए शनि की पूजा करना अच्छा रहेगा, हनुमान जी की उपासना भी लाभकारी सिद्ध हो सकती है। इसके साथ-साथ काले घोड़े की नाल से बना छल्ला आप अपने मध्यमा ऊंगली में धारण कर सकते हैं।
14 मई को गुरु वक्री हो जाएंगें, गुरु के वक्र होने से आपके लिए लाभ की स्थिति बढ़ जाएगी। इस समय पर आपको जन्मस्थान व जन्मस्थान से दूर, दोनों ही स्थितियों में आपको अच्छा लाभ मिल सकता है। जो पिछली योजनाएं बनीं थी, उन्हें भी पूरा करने का अवसर मिलेगा।
30 जून को गुरु फिर से धनु राशि में वापस चले जाएंगें। जिससे आपके रूके हुए कार्य बनने शुरु होंगे। धन वृद्धि के योग भी बनेंगें। पैतृक संपत्ति से भी आपको लाभ मिल सकता है। हालांकि इस समय बृहस्पति केतु का योग भी बन रहा है जो कि संपत्ति संबंधी विवाद की ओर संकेत कर रहा है। देश भर के जाने-माने ज्योतिषाचार्यों से भी आप इस बारे में परामर्श ले सकते हैं।
13 सितंबर को गुरु के मार्गी होने के पश्चात पुन: गुरु आगे की योजनाएं बनाने में आपकी सहायता करेंगें साथ ही आपको छोटी यात्राएं करने का अवसर भी प्राप्त होगा।
23 सितंबर को राहू का परिवर्तन आपकी राशि से चौथे स्थान में होने जा रहा है जो कि माता व आपके घर, वाहन, सुख का स्थान माना गया है। इस घर में राहू का उच्च राशि में जाना घर को विस्तार देने के योग बना रहा है। पुनर्निमाण का कार्य पेंडिंग है तो इस समय यह पूर्ण हो सकता है। नये वाहन की प्राप्ति के योग भी बनेंगें।
कार्यक्षेत्र में भी बदलाव के योग बन सकते हैं। इसके साथ ही केतु भी लाभ स्थान से कर्म के स्थान पर विराजमान हो रहे हैं जो कि मंगल की राशि वृश्चिक राशि के हैं। इसका फल भी मंगल की ही तरह आपको मिलेगा। काम के मामले में तरक्की के योग बनेंगें, काफी समय से यदि कोई साक्षात्कार, या परिणाम मिलना बाकि है तो उसका सकारात्मक परिणाम आपको मिल सकता है। शारीरिक तौर पर भी आप स्वयं में एक नई ऊर्जा महसूस करेंगें।
29 सितंबर को शनि मार्गी हो जाएंगें जिसके पश्चात समस्याएं कम होती हुई दिखाई पड़ेंगी। इसके साथ ही आप अपने खर्चों पर भी नियंत्रण कर सकेंगें और इस समय आपके शत्रु भी कमजोर होंगे।
20 नवंबर को गुरु फिर से मकर राशि में आ जाएंगे। इसके पश्चात शत्रुओं पर विजय प्राप्ति होगी। नया घर मिल सकता है। अच्छे मित्र बनेंगें। शिक्षा संबंधी लाभ भी आपको प्राप्त होगा।