मकर राशि के स्वामी शनि वर्ष 2020 की शुरुआत में आपकी राशि से 12वें स्थान में विराजमान रहेंगें। जो यह दर्शाते हैं कि पिछले वर्ष में जो आपके लिए खर्च की समस्याएं उत्पन्न हुई थी वें इस वर्ष की शुरुआत में भी आपके लिये फिजूल खर्ची के योग बन रहे हैं। मकर वर्ष कुंडली 2020 के अंदर आपकी राशि से 12वें स्थान पर पांच ग्रहों का एक साथ होना, आपके लिये थोड़ी समस्याएं खड़ा करने वाला हो सकता है। परन्तु इसका लाभ भी है अगर आप व्यापार करते हैं तो आपको इस समय बाहरी देशों के साथ अपना व्यापार बढ़ाने का मौका मिलेगा। आयात-निर्यात के क्षेत्र में आपको सफलता मिल सकती है। विदेश यात्रा अथवा जन्मस्थान से दूर जाने के योग भी आपके लिये बन रहे हैं। मकर राशि 2020 में मंगल का लाभ स्थान में होना आपके अंदर हर समस्या से लड़ने की शक्ति प्रदान करेगा। इस वर्ष आपकी राशि पर शनि की साढेसाती का प्रथम चरण समाप्त हो जाएगा। जिससे आपको काफी राहत मिलेगी।
वर्ष राशिफल 2020 में 24 जनवरी को शनि राशि परिवर्तन कर आपकी ही राशि में प्रवेश कर जाएंगें। स्वराशि के शनि का होना आपके लिये शनि का शश महायोग बनाएगा। जिससे आपके कार्यक्षेत्र की स्थिति में काफी अच्छा बदलाव देखने को मिलेगा।
30 मार्च को गुरु राशि परिवर्तन कर आपकी ही राशि में आ जाएंगें। जो कि बृहस्पति की नीच राशि भी है। नीच राशि का गुरु शुभ नहीं माना जाता है परन्तु आपकी राशि में पहले से ही शनि विराजमान हैं जो कि स्वराशि के हैं। इनके साथ बृहस्पति का गोचर करना नीचभंग राजयोग बनाता है। इसका लाभ आपको अपनी शारीरिक क्षमताओं में, योजनाओं में, धन, मान-प्रतिष्ठा, सगे-संबंधियों के बीच अपना रूतबा बढ़ाने में सहयोग करेंगा। आपको इनमें सकारात्मक बदलाव देखने को मिलेगा।
11 मई को शनि आपकी ही राशि में वक्री हो रहे हैं जिसका प्रभाव आपको दिखायी देगा। इससे कार्यक्षेत्र में अरुचि पैदा हो सकती है। हो सकता है कि आपके कार्यक्षेत्र में कुछ बदलाव हो, जैसे कि स्थान परिवर्तन। क्योंकि आपकी कुंडली में स्थान परिवर्तन का योग भी बन सकता है। इस समय पर आपको अपने शत्रुओं से सावधान रहने की आवश्यकता है।
14 मई को गुरु वक्री हो जाएंगें। वक्र होने पर गुरु का प्रभाव हर क्षेत्र में बंट जाता है जिससे आपके कार्य की गति थोड़ी धीमी रहने के आसार हैं। लेकिन आपको कार्यक्षेत्र के अलावा अलग-अलग क्षेत्रों में लाभ दिखना शुरु हो जाता है।
30 जून को गुरु आपकी राशि से पुन: 12वें स्थान में चले जाएंगें। जिससे पिछले कुछ समय से रूके हुए कार्य जो आप कर नहीं पाए थे वह दोबारा करने का मौका मिलेगा। पंचम दृष्टि घर के स्थान पर होने से नये घर के योग भी बन सकते हैं।
13 सितंबर को गुरु के मार्गी होने से फ्यूचर को लेकर आपकी योजनाएं बननी शुरु हो जाएंगी। आपके अंदर एक नया आत्मविश्वास भी पैदा होगा।
23 सितंबर को राहू आपकी राशि से पंचम स्थान पर स्थित हो जाएगा। पंचम स्थान का राहू आपको थोड़ा सा परेशान कर सकता है और दुविधा में डाल सकता है। राहू का वृषभ राशि में होना उच्च का माना जाता है। इसके उच्च प्रभाव से आपके मान सम्मान में भी वृद्धि होगी। लेकिन इस मान-सम्मान को पाने के लिये आपको कड़ी मेहनत भी करनी होगी। शिक्षा और संतान के लिये वर्ष 2020 राहू के प्रभाव से अच्छा जाने वाला है। विशेषकर जो महिलाएं संतान के लिये प्लानिंग कर रही हैं उनको अपना विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता है। नियमित रूप से संतान गोपाल मंत्र का जाप जरुर करें। जिससे कि आने वाली संतान भी सद्गुण और सेहतमंद हो। देश भर के जाने-माने ज्योतिषाचार्यों से भी आप इस बारे में परामर्श ले सकते हैं।
इसी वर्ष केतु भी राशि परिवर्तन करेंगें। लेकिन वर्ष की शुरुआत में आपकी राशि से 12वें स्थान पर चार ग्रहों के साथ स्थित होंगे। जिससे समय –समय पर आपके अंदर आस्था का भाव बहुत प्रबल होगा और कभी-कभी नास्तिकता भी बढ़ सकती है लेकिन केतु का 12वें स्थान का होना आपके लिये कुछ मायनों में अच्छा रहने वाला है। केतु का परिवर्तन होने के पश्चात केतु आपकी राशि से लाभ स्थान में आ जाएगें। लाभ स्थान का केतु शुभ माना जाता है और ये वैसे भी अपनी उच्च मानी जाने वाली राशि वृश्चिक में आ जाएंगें। जिसका फल आपको मंगल की भांति मिलेगा।
मकर राशि की वर्ष कुंडली 2020 में 29 सितंबर को शनि मार्गी हो जाएंगें। जो आपके कार्यक्षेत्र के लिये शारीरिक क्षमता, बल बढ़ाने में आपकी सहायता करेंगे। धन प्राप्ति के भी आपके लिये अच्छे योग बनेंगें। इस समय में आप शेयर मार्किटिंग आदि योजनाओं में पैसा लगा सकते हैं। लाभ प्राप्त होगा।
20 नवंबर को गुरु का राशि परिवर्तन कर पुन: मकर राशि में आने से आप अपनी पूर्ण ऊर्जा से अपने कार्य को बनाने में लग जाएंगें। इसके साथ ही बीते समय में देखा हुआ सपना साकार होता हुआ भी दिखाई देगा।
वर्ष की शुरुआत में राहू आपकी राशि से छठे स्थान पर विराजमान रहेंगें जो आपके लिए थोड़ी बहुत परेशानियां उत्पन्न कर सकते हैं। विशेषकर शारीरिक कष्ट अधिक हो सकता है। कमर में दर्द की समस्या, जोड़ों के दर्द की समस्या, सर्वाइकल उत्पन्न कर सकते हैं। शत्रु भी इस समय बढ़ सकते हैं। छठे स्थान में राहू का होना आपको प्रतिस्पर्धा में बहुत ज्यादा मेहनत करवा सकता है। खासकर जो छात्र विदेश में पढ़ाई कर रहे हैं। उनको थोड़ा सचेत रहने की आवश्यकता रहेगी। बुरी संगत से बचकर रहें।