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मीन राशि वालों के लिये काफी शुभ फल देने वाला हो सकता है। वर्ष लग्न से आपकी राशि सप्तम भाव की है। इस वर्ष आपकी राशि से कर्म के स्थान पर बुध, गुरु, सूर्य, शनि, केतु एक साथ विराजमान हैं जो कि पंचग्रही योग बना रहे हैं। इसके प्रभाव से करियर में आपको नये-नये अवसर मिलेंगें। व्यापार जगत में भी आपको अपार सफलता मिलेगी। राशि के स्वामी बृहस्पति भी स्वराशि के हैं जो कि हंस महायोग बना रहे हैं। इसके प्रभाव से आपको पदोन्नति मिल सकती है। सीनियर्स से भी आपको अच्छा सहयोग व सम्मान प्राप्त होगा।
मीन राशि में भाग्य के स्वामी मंगल स्वराशिगत होकर भाग्य स्थान में ही विराजमान हैं। ये भी आपके भाग्योदय के लिए शुभ संकेत दे रहे हैं। सुखेश और सप्तमेश कारक ग्रह बुध आपकी पत्रिका में धनु राशि व सूर्य के साथ बुधादित्य योग बनाए हुए हैं। जिससे पता चलता है कि आपके जीवनसाथी के करियर के लिये भी यह साल शुभ परिणाम देने वाला है। बृहस्पति के साथ बुध का विराजमान होना, अविवाहित जातकों के लिये विवाह का योग बना रहा है। प्रेम प्रसंगों का ग्रह शुक्र लाभ स्थान में विराजमान है। यह भी आपकी रोमांटिक लाइफ खुशनुमा रहने का संकेत दे रहा है। अविवाहित सिंगल जातक अपनी लव लाइफ की शुरुआत इस वर्ष कर सकते हैं। इस वर्ष आप किसी हिल स्टेशन या विदेश की यात्रा बतौर पर्यटक कर सकते हैं।
24 जनवरी को शनि का परिवर्तन आपकी राशि में यानी की कर्मभाव से आय के स्थान में हो रहा है। आय स्थान में शनि के जाने से धन की वर्षा होगी। खर्चे भी बढ़ेगें। लेकिन शारीरिक रूप से स्वास्थ्य में हानि की संभावना भी दिखायी दे रही है।
30 मार्च को बृहस्पति का परिवर्तन कर्म भाव से लाभ स्थान में हो जाएगा जो कि आपके लिये शुभता को बढ़ाने वाला रहेगा। क्योंकि राशि और कर्म का स्वामी ग्रह बृहस्पति लाभ के स्थान पर विराजमान होगा। जहां पर पहले से ही स्वराशि के शनि होंगे। शनि और गुरु की यह युति नीच भंग राजयोग बना रही है। इसका लाभ आपको शारीरिक रूप से स्वास्थ्य के मामले में भी मिलेगा। काफी समय से किसी रोग से परेशान चल रहे थे तो उससे निजात मिल सकती है। जिस रोग का पता नहीं चल पा रहा था उसका पता चल जाएगा। बिमारी पकड़ में आ जाएगी। कर्म के स्वामी बृहस्पति हैं इसलिए मेहनत से किए गए कार्यों से आपको अपेक्षानुसार परिणाम मिल सकते हैं। देश भर के जाने-माने ज्योतिषाचार्यों से भी आप इस बारे में परामर्श ले सकते हैं।
11 मई को शनि वक्री होंगे। जिसके पश्चात अचानक से धन का आगमन रूक सकता है। शारीरिक रूप से भी आपकी परेशानियां बढ़ सकती हैं। संतान और शिक्षा को लेकर भी आपको सतर्क रहने की आवश्यकता है। क्योंकि वक्र शनि की दृष्टि आपके संतान व शिक्षा के घर पर पड़ रही है। जिसके कारण आपके लिए इन क्षेत्रों में व्यवधान उत्पन्न हो सकता है।
14 मई को गुरु वक्र हो जाएंगे जिसके पश्चात गुरु का शुभ प्रभाव मिलना शुरु हो जाएगा। इस समय गुरु की वक्र दृष्टि अपनी उच्च राशि पर पड़ेगी। जो आपको आपकी शिक्षा व संतान पक्ष से भी शुभफल दे सकती है। सप्तम भाव में नव दृष्टि होने पर विवाह के योग भी बनेंगें। दांपत्य जीवन का सुख भी आपको अच्छा मिलेगा। इसके पश्चात 30 जून को वक्री गुरु धनु राशि में चले जाएंगें। जिससे पिछले समय से रूके हुए कार्यों को बनाने में आपका अधिक समय व्यतीत होगा। यह आपको उन अधूरे कार्यों को पूरा करने में भी सहयोग करेगा।
13 सितंबर को गुरु मार्गी हो जाएंगें। गुरु के मार्गी होने पर आप अपने भविष्य की योजनाओं को तैयार करने की तैयारी शुरु कर देंगे।
इस वर्ष राहू का परिवर्तन 23 सितंबर को हो रहा है। राहू आपके पराक्रम के स्थान पर वृषभ राशि में आ जाएंगें। जिससे आपके पराक्रम में उन्नति के योग बनेंगे। साथ ही उच्च का राहू आपकी हवाई यात्रा करवाएगा। इसके साथ ही भाग्य स्थान में केतु भी आ रहे हैं। इनके आने के बाद आप के अंदर आध्यात्म के प्रति रूचि बढ़ेगी। घर का माहौल भी थोड़ा धार्मिक हो सकता है। आप पूजा-पाठ कर सकते हैं और अचानक से आपका भाग्य भी साथ देना शुरु कर देगा। किसी तीर्थ स्थान की यात्रा भी कर सकते हैं।
29 सितंबर को शनि मार्गी हो जांएगें। शनि के मार्गी होने पर पुन: आपके कार्यों में तेजी आनी शुरु हो जाएगी व पिछले समय से जो चीजें आपकी रूक गई थी वह तेजी से आगे बढ़ती हुई दिखाई देंगी। जैसे ही 20 नवंबर को गुरु दोबारा मकर राशि में आ जाएंगें वैसे ही आपकी योजनाएं सफल होनी शुरु हो जाएंगी।
राहू भी इस वर्ष की शुरुआत में सुख स्थान में विराजमान रहेगा जो कि मित्र व मां का घर भी कहा जाता है यहां पर राहू का होना आपको थोड़ा भ्रमित भी कर सकता है। यहां आपको सतर्क रहने की आवश्यकता है। विशेषकर तब जब आप नया वाहन, नया घर अपने मित्र या किसी से ले रहे हैं। इसके साथ ही केतु भी दशम स्थान में विराजमान हैं जो कि यहां खूब मेहनत करवाते हैं लेकिन मेहनत से लाभ व सफलता भी दिलाते हैं।