वृश्चिक राशि

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वृश्चिक राशि – तो ना नी नू ने नो या यी यू स्वामी –मंगल
यह वर्ष आपके लिये सुख-समृद्धि में वृद्धि के योग बना रहा है। कार्यक्षेत्र में भी आपको सफलता मिलने के प्रबल आसार नज़र आ रहे हैं। वृश्चिक राशि के स्वामी मंगल हैं जो कि वर्ष कुंडली में स्वराशि में विराजमान हैं। मंगल का स्वराशि का होना रूचक महायोग बना रहा है जिसके होने से कार्यक्षेत्र में उन्नति के योग बनते हैं। वाहन का सुख प्राप्त होता है। राशि के स्वामी होने के कारण सेहत के मामले में भी आपको इनका लाभ मिल सकता है। वृश्चिक राशि वालों के लिये वर्ष कुंडली 2020 के अनुसार धन भाव में पंचग्रही योग का होना आपके व्यक्तित्व विकास के संकेत कर रहा है। भाग्य स्थान में चंद्रमा भाग्य को उन्नति की ओर अग्रसर कर रहे हैं। चंद्रमा पर मंगल की दृष्टि भी पड़ रही है जिससे चंद्र मंगल योग बन रहा है। यह आपकी मनोकामानाओं के पूर्ण होने में आपकी सहायता कर सकते हैं। हालांकि शनि की दृष्टि भी चंद्रमा पर पड़ रही है जिससे आपमें धैर्य की कमी आ सकती है। इससे बचने का प्रयास करें। वर्ष की शुरुआत में राहू भी अष्टम भाव में विराजमान हैं जिससे आपके लिये इस वर्ष स्थान परिवर्तन के योग बनते रहेंगें। पुराने घर का नवीनीकरण भी इस साल करवाया जा सकता है। अपनी हेल्थ पर थोड़ा ध्यान देने की आवश्यकता रहेगी। केतु भी धनु राशि में और धन के स्थान में विराजमान रहेंगें। धन के क्षेत्र के लिये समय अच्छा रहेगा। विशेषकर कर्ज या लोन लेने की जरूरत पड़ती है तो सफलता मिल सकती है।

वर्ष की शुरुआत में 24 जनवरी को शनि का परिवर्तन हो रहा है जो कि आपकी राशि से सुख भाव के मालिक होकर पराक्रम में स्वराशिगत गोचर कर रहे हैं। यह आपके पराक्रम की उन्नति के लिये इसमें वृद्धि के योग बनाते हैं। परन्तु यह स्थान छोटे भाई का स्थान भी है इसलिये छोटे भाई-बहनों के भविष्य को लेकर भी आप चिंतित रह सकते हैं।

30 मार्च को गुरु राशि परिवर्तन कर शनि के साथ मकर राशि में होंगे। गुरु आपकी राशि से पंचम व धन भाव के स्वामी हैं। शनि के साथ विराजमान होने से यह आपकी राशि से पराक्रम स्थान में नीचभंग राजयोग बना रहे हैं। यह योग आपके पराक्रम के लिये बहुत ही महत्वपूर्ण रहने वाला है क्योंकि यहां आपके अंदर ऊर्जा का संचार करेंगें। गुरु की दृष्टि आपके भाग्य स्थान पर भी पड़ रही है जिसके कारण भाग्य का भी आपको भरपूर सहयोग मिलेगा। साथ ही सप्तम भाव में भी गुरु की पंचम दृष्टि भी आपकी फेमिली लाइफ को मधुर बनाएंगें। जीवनसाथी का भरपूर सहयोग प्राप्त होगा। प्रेम प्रसंगों में भी सुख मिलेगा। प्रेम विवाह के भी योग आपके लिये बन सकते हैं।

11 मई को शनि का वक्र होना आपके लिये थोड़ा परेशानी का कारण बन सकता है। भाग्य पर दृष्टि होने से अचानक से आपके कार्यों में रूकावट भी आ सकती है। मंगल की तीसरी दृष्टि आपके मान-सम्मान, एजूकेशन व संतान के स्थान पर पड़ने से नकारात्मक परिणाम भी आपको मिल सकते हैं।

14 मई को गुरु मकर राशि में वक्री हो रहे हैं जिसके होने से आपको मिलेजुले परिणाम प्राप्त होंगे क्योंकि इस समय पर शुभ ग्रह बृहस्पति तथा क्रूर ग्रह शनि वक्री चल रहे होंगे। इसी कारण आपको कभी-कभी कार्यों में बहुत तेजी तो कभी-कभी अचानक से बने बनाए कार्य भी बिगड़ते हुए दिखाई दे सकते हैं। लेकिन आपका बृहस्पति जो कि ज्ञान का स्वामी है वह आपको आगे बढ़ने की पूरी-पूरी हिम्मत देगा जिससे आप अपने कार्यों में आ रही रूकावटों को कम कर सकते हैं।

30 जून को गुरु वापस धनु राशि में चले जाएंगे जिसके पश्चात पिछले रूके हुए कार्य, धन के लेन-देन संबंधी प्रक्रियाएं आगे बढ़ेंगी। कुटुंब के लोगों के साथ मधुरता बढ़ेगी। तथा घर के अंदर कुछ मांगलिक कार्य भी होने लगेंगें।

13 सितंबर को गुरु स्वराशि धनु में मार्गी हो जाएगा जिसके बाद आपके लिये धन के योग बनने शुरु होंगे। शिक्षा के लिये भी शुभ समय शुरु होगा। रोग घर पर भी दृष्टि होगी जिससे रोगों से लड़ने में भी आपको आसानी होगी व सेहत में लाभ मिलेगा। शत्रु भी आपसे प्रभावित हो सकते हैं।

23 सितंबर को राहू आपकी राशि से सप्तम भाव में आ जाएंगें जिसके यहां आने से दांपत्य जीवन में कड़ावहट आ सकती है। तथा जीवनसाथी के स्वास्थ्य को लेकर भी आप चिंतित रह सकते हैं। विशेषकर जिन लोगों का नया-नया रिश्ता इस समय जुड़ा है उन्हें ज्यादा संघर्ष करना पड़ सकता है। पारिवारिक विवाद भी उत्पन्न हो सकते हैं। अपने जीवनसाथी पर विश्वास बना कर चलें। देश भर के जाने-माने ज्योतिषाचार्यों से भी आप इस बारे में परामर्श ले सकते हैं।

इसी समय पर केतु भी आपकी राशि में प्रवेश कर रहे हैं जिससे आपका आत्मबल अत्यधिक बढ़ सकता है। ज्यादा आत्मविश्वास भी परेशानी खड़ी कर सकता है। धैर्य से कार्य करें आपको सफलता निश्चित रूप से मिलेगी। क्योंकि शनि मंगल की राशि में हैं और केतु का फल अधिकांश मंगल के जैसे ही होता है।

29 सितंबर को शनि के मार्गी होने पर रूके हुए काम बनने लगेंगें। छोटे भाई बहनों से भी कोई शुभ समाचार सुनने को मिल सकता है। छोटी छोटी मगर सफलतादायक यात्राएं भी हो सकती हैं।

20 नवंबर को गुरु पुन: मकर राशि में आ जाएंगें जिससे पुन: आपके कार्यों आपके पराक्रम में उन्नति होगी। भाग्य आपका साथ देने लगेगा। तथा अपने दिमाग का पूरा इस्तेमाल करने से आपको मान-सम्मान भी प्राप्त होगा।

वृश्चिक राशि वालों के लिये वार्षिक राशिफल 2020 के अनुसार यह वर्ष आपके लिये सफलता व समृद्धि देने वाला कहा जा सकता है। हालांकि वर्ष के कुछ समय में उतार-चढ़ाव भी आप देखेंगे लेकिन कुल मिलाकर देखा जाए तो आपके लिये इसे उपलब्धियों भरा वर्ष समझा जाना चाहिए।

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