पुखराज

5,000.00

Weaight: 5 Ratti
1000 Tatti to 12,000 Ratti (Sri Lanka)

Category:

Description

पुखराज एक बहुत ही आकर्षक और चमकता हुआ रत्न है। यह पीले पुखराज के एक टुकड़े को देखने के लिए मनभावन है। बृहस्पति लेखन, प्रकाशन, तंत्र-मंत्र, वेद और अन्य क्लासिक्स, ज्ञान, नैतिक आचरण और सज्जनता का भी महत्व है। पीला पीला नीलम खानों में पाया जाता है। लेकिन केवल पीला नीलम ही गुरुरत्न माना जाता है। पीले नीलम में पीलापन फ्लुन्सिलिसिलेट में कुछ रुग्णता के कारण होता है। लेकिन नीलमणि इस रुग्णता के कारण ही गुरु रत्न होता है।

रत्न का प्रयोग: बृहस्पतिवार सुबह स्नान करने के बाद पीले पुखराज को सोने की अंगूठी या लॉकेट में पहनना चाहिए, इसे कच्चे दूध से धोना चाहिए और बृहस्पति या विष्णु के चिंतन के साथ धोपा, दीप, फूल, अक्षत आदि से पूजा करनी चाहिए। निम्नलिखित मंत्र का सामना करना और पाठ करना। अंगूठी को तर्जनी पर पहनना चाहिए।
मंत्र: ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौंग साह गुरुवे नमः।